ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति के जीवन में ग्रह-नक्षत्रों का काफी असर होता है। राहु-केतु को छाया या पापी ग्रह कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु या केतु की महादशा चल रही हो, तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में परेशानियों का अंबार लग जाता है। वह लोग कितनी भी मेहनत क्यों न कर लें, लेकिन उनको पूरा फल नहीं मिलता था।
कुंडली में राहु-केतु की महादशा को बहुत ही खतरनाक मानी जाती है। राहु-केतु की महादशा से कुंडली में कालसर्प दोष बनता है। इसी वजह से लोग राहु-केतु के नाम से डरते हैं। ऐसे में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं।
कुंडली में राहु-केतु दोष
कुंडली में राहु-केतु दोष होने पर व्यक्ति को मानसिक तनाव रहता है। इसके कारण व्यक्ति को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। कई बार कीमती चीजें खो जाती हैं। इन जातकों को क्रोध बहुत आता है। इन लोगों को मरे हुए सांप, पक्षी और छिपकली आदि दिखाई दे रहे हैं और नाखून कमजोर होने लगे हैं। वहीं यदि परिवार में कलह-कलेश की स्थिति बनी रहती है, तो इन सब के पीछे आपकी कुंडली में राहु-केतु दोष हो सकता है।
इसके अलावा राहु-केतु दोष स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। व्यक्ति को सिरदर्द, रीढ़ की हड्डी, त्वचा समस्या, नसों में कमजोरी और बालों का झड़ना आदि समस्याएं हो सकती हैं। इन संकेतों के दिखने पर ज्योतिष की सलाह लें और राहु-केतु दोष से जुड़े उपाय करें।
राहु-केतु दोष उपाय
अगर किसी जातक की कुंडली में राहु दोष है, तो उसको नीले रंग के कपड़ों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए।
वहीं कुंडली में केतु दोष होने पर व्यक्ति को गुलाबी रंग के कपड़ों का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
कुंडली में राहु-केतु दोष होने पर घर पर शेषनाग पर नृत्य करते हुए श्रीकृष्ण की फोटो लगाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही रोजाना 21 बार ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए। इससे भी दोष कम होता है।
कुंडली में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए पंचमुखी शिवजी के सामने बैठकर रुद्राक्ष की माला से 'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए।
राहु दोष निवारण के लिए किसी जानकार ज्योतिष की सलाह पर शनिवार के दिन गोमेद रत्न को धारण कर सकते हैं। बता दें कि गोमेद रत्न राहु का रत्न माना जाता है।