ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली मिलान किए बिना किसी की भी शादी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कुंडली मिलान से पति-पत्नी के बीच संबंधों के बारे में पता चलता है और साथ ही अन्य कई जानकारियां मिलती हैं। कुंडली मिलान से पता चलता है कि दोनों का रिश्ता कितना मजबूत होगा। पत्नी की कुंडली से पति के जीवन पर और पति की कुंडली से पत्नी के जीवन पर प्रभाव देखने को मिलता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली आपके वैवाहिक जीवन को किस तरह से प्रभावित करती है।
पत्नी की कुंडली का पति पर असर
कुंडली में सातवां घर जीवनसाथी को दर्शाता है। ऐसे में यदि कुंडली का सातवां घर शुभ होता है और उस स्थान पर शुभ ग्रहों की दृष्टि है, या सातवें घर में शुभ ग्रह विराजमान हैं। तो आपका पार्टनर जीवन में सफलताएं लाएगा। यही स्थिति अगर पत्नी की कुंडली में बनती है, तो शादी के बाद पति को अच्छे परिणाम मिलते हैं। लेकिन सातवां घर शुभ नहीं होने पर पति का जीवन अव्यवस्थित हो जाता है। वहीं पत्नी की कुंडली में मंगल और बृहस्पति ग्रह पति के बारे में काफी कुछ बताता है।
यदि किसी लड़की की कुंडली में मंगल और बृहस्पति शुभ स्थिति में है, तो उसको अच्छा और समझने वाला पति मिलेगा। वहीं इन दोनों ग्रहों की शुभता पति को लाभ दिलवाती है। लेकिन यदि कुंडली में यह दोनों ग्रह अशुभ स्थिति में हैं, तो पति को शादी के बाद तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लड़की की कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर पति को करियर के क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए विवाह से पहले इन ग्रहों की स्थिति को देखना बेहद जरूरी होता है।
पति की कुंडली का पत्नी पर असर
पति की कुंडली में स्थित शुक्र को पत्नी का कारक माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ है, तो उस जातक का वैवाहिक जीवन खराब हो सकता है। शुक ग्रह की शुभ स्थिति दांपत्य जीवन में संतुलन और प्यार लाता है। शुक्र पर अन्य शुभ ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति को दांपत्य जीवन में सफलता दिलाता है। शुक्र के अलावा कुंडली में चंद्रमा और मंगल दोष देखना भी जरूरी होता है। क्योंकि कुंडली में जब चंद्रमा की स्थिति अच्छी होती है, तो स्त्री का मन सही दिशा में लगेगा। ऐसी पत्नी अपने पति के प्रति वफादार होती है और मंगल के मजबूत होने पर पति-पत्नी के संबंध अच्छे होते हैं।
पार्टनर कैसा होगा
यदि किसी पुरुष की कुंडली में शुक्र और चंद्रमा शुभ स्थान पर हैं और इन ग्रहों पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ रही है। तो पत्नी अच्छे स्वभाव की होगी और वह हमेशा अपने पति का साथ देगी। वहीं जिस लड़की की कुंडली में मंगल, गुरु और शुक्र शुभ होते हैं, तो उसका वैवाहिक जीवन अच्छा बीतता है। पार्टनर का सप्तम भाव जितना अधिक शुभ होगा, उनके दांपत्य जीवन में भी उतनी ही शुभता रहेगी।