ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी की कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें स्थान पर हो तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है। कहा जाता है कि यदि जातक मांगलिक हो तो उसके विवाह में बाधा आती है। माना जाता है कि मांगलिक दोष होने से वैवाहिक जीवन पर प्रभाव होता है। यदि किसी मांगलिक व्यक्ति की शादी गैर-मांगलिक से हो तो इससे विवाह के बाद दंपत्ति के बीच मनमुटाव या अलगाव हो सकता है। ज्योतिषशास्त्र में मांगलिक दोष के निवारण हेतु कई उपाय बताए गए हैं। अगर आप भी मांगलिक दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो ये उपाय जरूर करें -
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो पीपल विवाह, कुंभ विवाह या शालिग्राम विवाह करवाने से मांगलिक दोष का दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
- ज्योतिषशास्त्र जे अनुसार मांगलिक जातक का विवाह अन्य मांगलिक जातक के साथ ही करवाना अच्छा होता है। माना जाता है कि यदि दोनों जातक मांगलिक हों तो मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है। यदि किसी मांगलिक जातक का विवाह गैर-मांगलिक से करवाया जाए तो अन्य उपाय करने होते हैं।
- मान्यताओं के अनुसार यदि कुंडली में मांगलिक दोष हो तो मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए। व्रत रखने वाले जातकों को उपवास के दिन केवल तूर दाल का सेवन करना चाहिए।
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि कुंडली में मंगल दोष हो तो मंगलवार के दिन नवग्रह मंत्र या मंगल मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।
- दिन में 108 बार गायंत्री मंत्र का जाप या हनुमान चालीसा का जाप करने मांगलिक दोष कम होता है। मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाने और पूजा करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- ज्योतिषशास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि 28 वर्ष की उम्र के बाद मंगल दोष अपने आप समाप्त हो जाता है। माना जाता है कि यदि मेष, वृश्चिक, कर्क या मकर राशि में मंगल हो तो भी मंगल दोष समाप्त हो जाता है।
- मंगलवार के दिन लाल मसूर, लाल रंग का कपड़ा या लाल पत्थर का दान करने से भी मांगलिक दोष कम होता है।
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अनामिका में लाल मूंगा सोने की अंगूठी में बनवाकर पहहने से भी मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।