ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर राशि किसी न किसी तत्व और ग्रह से संबंध रखती है। हर राशि का अपना स्वभाव और व्यक्तित्व होता है। हर व्यक्ति के व्यक्तित्व पर उस राशि का असर देखने को मिलता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है। यह राशियां गुस्से के कारण ही अपना बना बनाया काम बिगाड़ लेते हैं। आइए जानते हैं इन राशियों के बारे में...
मिथुन राशि
इस राशि का ग्रह स्वामी बुध होता है। बुध की वजह से यह जातक बुद्धिमान और तार्किक होते हैं। लेकिन इनकी सबसे बड़ी कमजोरी इनका गुस्सा होता है। यदि कोई इनके तर्कों का जवाब देता है, तो यह बौखला जाते हैं। यह गुस्से में ऐसे कार्य कर जाते हैं, जिसका इनको बाद में पछतावा होता है। एक बार आपा खोने के बाद यह अपने हो या पराए किसी को भी खरी-खोटी सुनाने से नहीं चूकते हैं। इनका गुस्सा इन्हें करीबियों से दूर करती है। ऐसे में इन जातकों को सलाह दी जाती है कि इन्हें अधिक बोलने से बचना चाहिए। मौन रहने से इनकी समस्याओं का समाधान हो जा सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के ग्रह स्वामी सूर्य हैं और यह जातक भी गुस्सैल माने जाते हैं। सिंह राशि के जातक हमेशा शीर्ष पर रहना पसंद करते है और यह लोग किसी के अंडर काम करना नहीं पसंद करते हैं। गुस्सा आने पर यह अपने माता-पिता और बॉस तक को नहीं छोड़ते हैं। हालांकि यह बिना वजह के गुस्सा नहीं करते हैं। लेकिन इनका स्वभाव ही कुछ ऐसा होता है कि यह हमेशा दूसरों पर हावी रहना पसंद करते हैं। इनका यह गुण इन्हें अपनों से दूर कर देता है। सिंह राशि के जातकों पर जब गुस्सा हावी होता है, तो यह गलत फैसले ले बैठते हैं। हालांकि गुस्सा शांत होने पर इनको अपनी गलती का एहसास होता है। गुस्से पर कंट्रोल करने के लिए इस राशि के जातकों को सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए। साथ ही योग ध्यान करना चाहिए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के ग्रह स्वामी मंदिर हैं। वैसे तो यह शांत राशि मानी जाती है, लेकिन गुस्सा आने पर यह खतरनाक हो जाते हैं। गुस्से में यह जातक न सिर्फ अपना बल्कि दूसरों का भी काम बिगाड़ देते हैं। वृश्चिक राशि के जातकों के मन में असुरक्षा की भावना देखी जाती है। जब इस जातक को कोई उकसाने की कोशिश करते हैं, तो यह गुस्से में आ जाते हैं। वहीं कई बार भावनाओं में बहकर ऐसा काम कर देते हैं। जिसके लिए उनको आजीवन पछताना पड़ता है। इसलिए गुस्से और भावनाओं पर कंट्रोल करने के लिए बुरी संगति में पड़ने से बचना चाहिए।