ज्योतिषशास्त्र में ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति को सभी ग्रहों का गुरु माना जाता है। कहा जाता है कि अगर कुंडली में गुरु की खराब स्थिति हो तो व्यक्ति को शादी और शिक्षा पूरी करने में बाधा आती है। अगर गुरु कमजोर हो तो जातक को सांस या फेफड़े की बीमारी, गले या आँखों में तकलीफ होती है। ज्योतिषशास्त्र में गुरु की स्थिति को मजबूत करने के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करने से आओ कुंडली में गुरु की अशुभ स्थिति को ठीक कर सकते हैं -
अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है तो बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखें। इसमें पीले रंग के कपड़े पहनें और बिना नमक का भोजन लें।
बृहस्पतिवार के दिन पानी में हल्दी डालकर स्नान करें और पीली वस्तुओं का दान करें। इस दिन गुड़, चना, पीले वस्त्र और चने की दाल दान करें। इससे गुरु की स्थिति मजबूत होती है और आर्थिक तंगी दूर होती है।
बृहस्पतिवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करें और उस पर पीली वस्तुएँ अर्पित करें। इस दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और शाम के समय पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। ऐसा करने से बृहस्पति का अशुभ प्रभाव समाप्त होता है और गुरु की स्थिति मजबूत होती है।
गुरुवार के दिन शिवजी को लड्डू का भो लगाएं। ऐसा करने से गुरु की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
गुरुवार को बृहस्पतिदेव की प्रतिमा को पीले कपड़े पर रखें और पूजा करें। प्रतिमा पर केसरिया चंदन, पीले चावल, पीले फूल और प्रसाद के लिए पीले पकवान या फल चढ़ाएं।
बृहस्पतिवार के दिन गुरु मंत्र 'ॐ बृं बृहस्पते नम:' का 108 बार जाप करें।
गुरुवार को पूजा करने के बाद अपने माथे पर केसर का तिलक लगाएं। यदि केसर नहीं हो तो हल्दी का तिलक भी लगा सकते हैं।