हमारे जीवन में ग्रह-नक्षत्रों का बहुत अधिक व गहरा प्रभाव होता है। ग्रहों की दशा और दिशा हमारे जीवन की घटनाओं को तय करती है। यह घटनाएं शुभ और अशुभ दोनों तरह की हो सकती हैं। लेकिन अगर ग्रहों की युति की बात करें इसका असर हमारे जीवन में कई बदलाव ला सकता है और यह अच्छा व बुरा दोनों नजर आ सकते हैं।
ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुंडली में राहु और बृहस्पति की युति के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कुंडली में राहु और बृहस्पति की युति व्यक्ति के जीवन में कैसा असर डालती है।
बृहस्पति और राहु की युति
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बृहस्पति ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह सफलता, शिक्षा, बुद्धि, नौकरी और व्यापार आदि में शुभता के लिए जिम्मेदार होता है। वहीं राहु को एक पापी ग्रह माना गया है। राहु यदि कुंडली में शुभता प्रदान करता है, तो यह रंक को राजा बना देता है और यदि अशुभ फल देता है तो व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता का आगमन होता है।
वहीं कुंडली में बृहस्पति और राहु की युति शुभ और अशुभ दोनों तरह के परिणाम देता है। यदि कुंडली में गुरु और राहु कुंडली के एक ही स्थान पर हैं, लेकिन गुरु ऊंची जगह पर और राहु नीच है। तो इस युति का जीवन में अच्छा परिणाम देखने को मिलता है।
लेकिन अगर कुंडली में गुरु नीच और राहु उच्च का होता है। तो यह युति घातक परिणाम लेकर आती है। बताया जाता है कि उच्च का गुरु और नीच का राहु व्यक्ति के जीवन में अपार सफलता को लेकर आता है। इससे व्यक्ति के जीवन में नौकरी, परिवार, घर और व्यापार आदि में शुभता आती हैं।
इसके साथ ही कुंडली में गुरु नीच और राहु के ऊंचे स्थान में होने से व्यक्ति के घर में भारी तंगी जन्म लेती है। घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के साथ ही बुद्धि काम करना बंद कर देती है। इस युति से व्यक्ति पद भ्रष्ट होने के साथ बुरी संगत में पड़ जाता है और कुमार्ग की ओर चल देता है। ऐसा व्यक्ति स्वयं ही अपना विनाश कर लेता है।