हिंदू धर्म में चंद्रमा की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं कुंडली में यह ग्रह विशेष महत्व रखता है। चंद्रमा को मन और माता का कारक माना जाता है। विशेष तौर पर चंद्रमा भावना, मनोदशा और मन का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन कुंडली में चंद्रमा की अशुभ स्थिति जातक को तमाम तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानी देता है।
इसलिए कुंडली में चंद्रमा का मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली में चंद्र दोष होने से व्यक्ति को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
चंद्र दोष का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने से व्यक्ति तन, मन और धन से परेशान रहता है। चंद्रमा के कमजोर होने से जातक हमेशा मेंटल स्ट्रेस में रहता है।
बता दें कि चंद्र दोष से पीड़ित व्यक्ति हमेशा अवसाद, चिंता और कमजोर याददाश्त से परेशान रहता है। ऐसे व्यक्ति में भावनात्मक उतार-चढ़ाव और मनोवैज्ञानिक अस्थिरता बनी रही है। साथ ही ऐसे जातक को सही से नींद भी नहीं आती है।
कुंडली में चंद्रदोष होने से पुत्र का अपनी मां से संबंध मधुर नहीं रहता है और जातक के वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आती रहती है। चंद्र दोष होने पर संतान प्राप्ति में बाधा होती है।
यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्र दोष होता है, तो उस व्यक्ति को आर्थिक और व्यवसायिक जीवन में सफलता प्राप्त नहीं होती है, हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है।
ऐसे छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है और उनमें एकाग्रता की कमी होती है। ऐसे छात्र रात में पढ़ा हुआ सुबह तक भूल जाते हैं। इनके करियर का सही से विकास नहीं हो पाता है।
चंद्र दोष होने पर सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि पेट और जल संबंधी बीमारियां परेशान करती हैं। ऐसी स्थिति में स्त्रियों को ल्यूकोरिया की समस्या बनी रहती है।
कुंडली में चंद्र दोष होने पर जातक के विचारों में अनिश्चितता और आत्मविश्वास की कमी होती है। ऐसा व्यक्ति हमेशा मेंटल स्ट्रेस से घिरा होता है।