भगवान शिव अपने भक्तों की रखा स्वयं करते हैं। भोलेनाथ को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाला देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस किसी पर भी भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, उसका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मान्यताओं के अनुसार सभी 12 राशियों में से कुछ ऐसी राशियां हैं जिन पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। इन राशि वालों की सभी मनोकामनाएँ भगवान शिव पूरी करते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन सी राशियाँ भगवान भोलेनाथ को सबसे अधिक प्रिय हैं -
मेष
मेष राशि, भगवान शिव को अतिप्रिय है। भगवान शिव की कृपा मेष राशि वालों पर हमेशा बनी रहती है। इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। जिन जातकों की राशि में मंगल का बुरा प्रभाव होता है उन्हें सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। ऐसे लोगों को धन-वैभव की प्राप्ति होती है। मेष राशि वालों को शिव जी की पूजा करनी चाहिए, इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। भगवान शिव की कृपा से मेष राशि के जातकों को व्यापार में मुनाफा होता है। इस राशि के लोगों को शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए 'ओम नमः शिवाय' का जप करना चाहिए। ऐसा करने से नौकरी में सफलता प्राप्त होती है।
मकर
मकर राशि का स्वामी शनि है। यह राशि भी भगवान शिव की प्रिय राशि मानी जाती है। मकर राशि के जातकों को शनिदेव और भोलेनाथ दोनों की कृपा प्राप्त होती है। मकर राशि के जातकों को शिव जी की पूजा करने से बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। मकर राशि वालों को हर सोमवार शिवलिंग पर जल के अलावा बेलपत्र भी अर्पित करना चाहिए। मकर राशि वाले यदि पूजा करते समय महामत्युंजय का जाप करें तो बहुत लाभ होता है। भोलेनाथ की कृपा से मकर राशि के जातकों को जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। सावन में मकर राशि वालों को शिवलिंग पर जल जरूर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ होता है और जीवन की सभी परशानियाँ दूर होती हैं।
कुंभ
शनि ग्रह के स्वामित्व वाली कुंभ राशि भी भगवान शिव को बहुत प्रिय है। कुंभ राशि के जातकों पर भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहती है। भगवान भोलेनाथ कुंभ राशि वालों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं। कुंभ राशि के जातकों को सावन के महीने में शिव जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। कुंभ राशि के जातक ओम नम: शिवाय का जाप करें तो उन्हें विशेष लाभ होता है। कुंभ राशि वाले अगर सावन के महीने में शिव जी के मंदिर में जाकर पूजा करें और दान करें तो बहुत शिव जी की कृपा बनी रहती है।